साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों की वो मछलियाँ
वो तड़पती हुई मछलियाँ
ख़ूब-सूरत थीं
और एक दिन वो उन्हें मार कर खा गए
साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों में अब ख़ून की धार है
नज़्म
गुम-शुदा रिवायतें
पैग़ाम आफ़ाक़ी
नज़्म
पैग़ाम आफ़ाक़ी
साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों की वो मछलियाँ
वो तड़पती हुई मछलियाँ
ख़ूब-सूरत थीं
और एक दिन वो उन्हें मार कर खा गए
साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों में अब ख़ून की धार है