EN اردو
असली रूप | शाही शायरी
asli rup

नज़्म

असली रूप

फख्र ज़मान

;

मैं देख रहा हूँ पत्ते के
हाथों पर जाल लकीरों का

मैं देख रहा हूँ पत्ते की
आँखों में शबनम के आँसू

मैं देख रहा हूँ पत्ते की
रग रग में तड़पता सब्ज़ लहू

मैं देख रहा हूँ पत्ते के
चेहरे पे नदामत के क़तरे

मा'लूम नहीं लेकिन मुझ को
इन रूपों में से कौन सा है

पत्ते का अपना असली रूप