कल अचानक यहाँ
उस ने मुझ से कहा
रात भर मेरी मिट्टी को
इक नेवला
धड़धड़ाता रहा
मैं ने हँस कर कहा
ये अजब बात है
मेरे सीने से भी
कोई चिमटा रहा
छिपकिली की तरह
नज़्म
एक डायलॉग सुब्ह के वक़्त
सय्यद साजिद
नज़्म
सय्यद साजिद
कल अचानक यहाँ
उस ने मुझ से कहा
रात भर मेरी मिट्टी को
इक नेवला
धड़धड़ाता रहा
मैं ने हँस कर कहा
ये अजब बात है
मेरे सीने से भी
कोई चिमटा रहा
छिपकिली की तरह