रास्ते में
शाम मिल जाएगी तन्हा
तुम उसे हम-राह ले कर
घूमना सुनसान दरिया के किनारे
बैठ जाना
जब थकावट पाँव पकड़े
बात करने के लिए
टीले मिलेंगे
गुनगुनाने की अगर ख़्वाहिश हुई तो
रोक लेना सरसराती सी हवा को
नींद आ जाए
तो सौ जाना कहीं भी
रात ऐसी ही मिलेगी
घर से बाहर
नज़्म
एक आदमी
वहाब दानिश