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दुनिया तो ये कहती है | शाही शायरी
duniya to ye kahti hai

नज़्म

दुनिया तो ये कहती है

शाहीन ग़ाज़ीपुरी

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दुनिया तो ये कहती है बहुत मुझ में हुनर है
मैं चाहूँ तो दुनिया को चमन-ज़ार बना दूँ

आ जाता है इन बातों में दुनिया के मिरा दिल
जुट जाता हूँ मैं काम में जी-जान लगा कर

फिर बे-ख़बरी हद से गुज़र जाती है मेरी
बटता नहीं चल पड़ता हूँ जब अपनी डगर पर

ये देख के कुछ रोज़ तो चुप रहती है दुनिया
दे जाती है नागाह मगर मुझ को दग़ा भी

इस दर्जा ख़फ़ा होती है वो मेरी रविश से
होगा न कभी इतना ख़फ़ा मेरा ख़ुदा भी

दुनिया को नज़र आते हैं ना-वक़्त भी मुझ में
वो ऐब कि फिर कुछ मुझे करने नहीं देती

पहुँचाती है वो चोट कि जी रहना हो दुश्वार
मरने को हूँ तय्यार तो मरने नहीं देती

दुनिया तो ये कहती है बहुत मुझ में हुनर है
मैं चाहूँ तो दुनिया को चमन-ज़ार बना दूँ