दुख
बिछड़ने का नहीं होता
बल्कि
इन रिश्तों के टूटने का होता है
जो
बरसों की रिफ़ाक़त के बा'द
इक पल में टूट जाते हैं
और
हम तही-दामाँ रह जाते हैं
नज़्म
दुख
ताहिरा जबीन तारा
नज़्म
ताहिरा जबीन तारा
दुख
बिछड़ने का नहीं होता
बल्कि
इन रिश्तों के टूटने का होता है
जो
बरसों की रिफ़ाक़त के बा'द
इक पल में टूट जाते हैं
और
हम तही-दामाँ रह जाते हैं