ये सुरमई बादलों के साए
ये शाम की ताज़ा ताज़ा सी रुत
ये गाड़ियों की कई क़तारें
ये बाग़ में सैर करते जोड़े
ये बच्चों के क़हक़हे सुरीले
वो दूर से कोकती कोयलिया
ये अक्स पानी में बिजलियों का
चहार जानिब है शादमानी
मगर मैं हूँ बे-क़रार मुज़्तर
नहीं है उस शहर में मिरा घर
नज़्म
परदेस का शहर
तरन्नुम रियाज़