EN اردو
चिड़ियों का शोर | शाही शायरी
chiDiyon ka shor

नज़्म

चिड़ियों का शोर

ज़ीशान साहिल

;

सफ़ेद काग़ज़ पर
पेन्सिल के चलने की आवाज़

बहुत कम है
सड़क पर टैंक गुज़रने की आवाज़

इस से कुछ ज़ियादा है
और शायद मेरी आवाज़

इन दोनों आवाज़ों से ज़ियादा है
मगर सब से ज़ियादा है

चिड़ियों का शोर
बढ़ता ही रहता

जब एक शिकारी आता है
हवा में बंदूक़ चलाता है

एक चिड़िया ख़ौफ़ से मर जाती है
बाक़ी शोर मचाती हैं

चिड़ियों का शोर ज़ियादा हो जाता है
शिकारी को मार देता है