पहले ग्यारह थे पिसर इस साल बारा देखना 
इश्क़ के अख़बार का ताज़ा शुमारा देखना 
चूँकि हम दोनों ही बूढ़े हो चुके हैं इस लिए 
मैं सुहागन ढूँढता हूँ तुम कँवारा देखना 
मैं तुम्हारी लाटरी में जब निकल आया तो फिर 
अपनी अम्मी से कहो क्या इस्तिख़ारा देखना 
उन की अम्मी जान में उन से ज़्यादा जान है 
लज़्ज़त-ए-आलू पस-ए-आलू बुख़ारा देखना 
है किसी तिफ़्ल-ए-मुहाजिर की तरह सहमा हुआ 
'ख़ालिद-ए-इरफ़ाँ' की शादी का छुआरा देखना
        नज़्म
छुआरा देखना
खालिद इरफ़ान

