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चाँद के पेट में हमल मछली | शाही शायरी
chand ke peT mein hamal machhli

नज़्म

चाँद के पेट में हमल मछली

आदिल मंसूरी

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चाँद के पेट में हमल मछली
मछली के मुँह में कुल वजूद-ओ-अदम

मुँह से दुम तक ग़ुबार-ए-नक़्श-ए-क़दम
नक़्श के हाथ पाँव टूटे हुए

टूटने का अमल मुसलसल सा
चाँद का पेट ना-मुकम्मल सा