EN اردو
बोगिंन्वेलिया की वारफ़्तगी देख कर | शाही शायरी
bougainwillea ki waraftagi dekh kar

नज़्म

बोगिंन्वेलिया की वारफ़्तगी देख कर

शमीम अल्वी

;

तनावर पेड़ खजूर से वारफ़्तगी
यूँ कि जैसे

इस की तवानाई तेरी क़ुव्वत की ज़ामिन हो
बे-साख़्ता बालीं होती

यूँ कि
महफ़ूज़ होती मौसमों की जौलानियों से

तूदा सोख़्त न सही
मगर तेरी फ़रो-माँदगी

लर्ज़ां ओ झुलसी ताज़गी
ब-ज़बान-ए-ख़ुद मुस्तफ़्ती हुई

यूँ कि
फ़ज़ीलत किफ़ालत को है

महज़ तवंगरी को नहीं
बाला-दस्ती फ़र्ज़ीयत की बजा-वरी में है

महज़ तनावरी में नहीं