जिन आँखों ने हमारी आँखों और पाँव के लिए रास्ता बनाया
वो अन-देखे आसमान की तरफ़ चली गईं
ऐसे में अगर एक दिल भी होता तो इस के होने के लिए
एक आरज़ू ही काफ़ी थी
और एक आरज़ू भी अगर होती तो वो अपने होने के लिए
कपड़े को गीला कर सकती थी
और उसे किसी अलगनी पर सुखा भी सकती थी
नज़्म
बीवी की आँख के ऑपरेशन के दौरान
अहमद हमेश