जाते क्यूँ नहीं हो
ये घर मेरा नहीं है
जो तुम अंदर आना चाहते हो
मैं घर में रह कर भी बे-घर हूँ
और तुम को यक़ीं नहीं आता
बार बार मना करने के बावजूद
नहीं जाना चाहते हो
और मुझे इस बे-घरी में
बे-घर कर देना चाहते हो
नज़्म
बे-घरी
साहिल अहमद
नज़्म
साहिल अहमद
जाते क्यूँ नहीं हो
ये घर मेरा नहीं है
जो तुम अंदर आना चाहते हो
मैं घर में रह कर भी बे-घर हूँ
और तुम को यक़ीं नहीं आता
बार बार मना करने के बावजूद
नहीं जाना चाहते हो
और मुझे इस बे-घरी में
बे-घर कर देना चाहते हो