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बाज़ीगर | शाही शायरी
bazigar

नज़्म

बाज़ीगर

अज़रा अब्बास

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बाज़ीगर
अपना क़द ऊँचे करने वाले जूते पहनता है

वो नशे में
बाज़ीगरी दिखाता है

उस के जूते इतने ऊँचे हैं
कि अगर

उस की माँ देखती
तो रो देती

और उस की महबूबा
जो अब किसी और के बिस्तर में है

बाज़ीगर
अपनी महबूबा से हाथ धो बैठा

इस लिए कि
वो उस के सामने बाज़ीगरी

नहीं दिखा सका
बाज़ीगर

ऊँचे जूते वाला खेल
जब ही से

दिखाता है