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अज़-सर-ए-नौ तश्कील | शाही शायरी
az-sar-e-nau tashkil

नज़्म

अज़-सर-ए-नौ तश्कील

मलिक एहसान

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हक़
सदाक़त

और हुस्न
ये सब चटानों पे चिपके हुए

मिट्टी के अंदर दबे हुए
फॉसिल्स हैं

आओ हम इन्हें खुरच कर खोद कर
तजरबा-गाहों में ले चले

और हो सके तो डी-एन-ए से
इन की अज़-सर-ए-नौ तश्कील करें