मिरी मेज़बाँ ने 
हवाई सफ़र में 
चमक अपनी आँखों में लाते हुए 
बा-ज़बान-ए-ख़मोशी ये मुझ से कहा था 
हवाई मुसाफ़िर 
ज़मीं पर नहीं हम 
ख़ला का सफ़र है दरीचे न खोलो
        नज़्म
एयर-होस्टेस
फ़े सीन एजाज़
        नज़्म
फ़े सीन एजाज़
मिरी मेज़बाँ ने 
हवाई सफ़र में 
चमक अपनी आँखों में लाते हुए 
बा-ज़बान-ए-ख़मोशी ये मुझ से कहा था 
हवाई मुसाफ़िर 
ज़मीं पर नहीं हम 
ख़ला का सफ़र है दरीचे न खोलो