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एयर-होस्टेस | शाही शायरी
air-hostess

नज़्म

एयर-होस्टेस

फ़े सीन एजाज़

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मिरी मेज़बाँ ने
हवाई सफ़र में

चमक अपनी आँखों में लाते हुए
बा-ज़बान-ए-ख़मोशी ये मुझ से कहा था

हवाई मुसाफ़िर
ज़मीं पर नहीं हम

ख़ला का सफ़र है दरीचे न खोलो