उस ने मुझ से मोहब्बत की
मैं ने उसे अपना सीना छूने को कहा
उस ने मेरा दिल चूम कर
मुझे अमर कर दिया
मैं ने उस से मोहब्बत की
उस ने मुझे दिल चूमने को कहा
मैं ने उस का सीना छू कर
उसे हिदायत बख़्शी
हम दोनों जुदा हो गए
जुदाई ने हमारे ख़्वाब ज़हरीले कर दिए
यक साँसी मौत अब हमारी पहली तरजीह है
तन्हाई का साँप हमें रात भर डसता रहता है
और सुब्ह अपना ज़हर चूस कर
अगली रात डसने के लिए
ज़िंदा छोड़ जाता है
नज़्म
अधूरी मौत कर कर्ब
ज़ाहिद इमरोज़