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अचानक भीड़ का ख़ामोश हो जाना | शाही शायरी
achanak bhiD ka KHamosh ho jaana

नज़्म

अचानक भीड़ का ख़ामोश हो जाना

शारिक़ कैफ़ी

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अचानक भीड़ के ख़ामोश हो जाने का मतलब है
इजाज़त मिल गई मुझ को

कि मैं अब बोल सकता हूँ
किसी हुल्लड़ मचाती भीड़ को ख़ामोश करना

मेरा पहला इम्तिहाँ था
और मैं इस में खरा उतरा

अब अगला इम्तिहाँ ये है
मुझे इस ख़ामोशी को तालियों के शोर में तब्दील करना है