गुड़िया! बोलो
गुड़िय! अपनी आँखें खोलो
गुड़िया! दिल पे बोझ है कोई
तो जितना जी चाहे रो लो
गुड़िया! ये ख़ामोशी मुझ को काट रही है
गुड़िया! मौत की दीमक मुझ को चाट रही है
नज़्म
आवाज़ का नौहा
दानियाल तरीर
नज़्म
दानियाल तरीर
गुड़िया! बोलो
गुड़िय! अपनी आँखें खोलो
गुड़िया! दिल पे बोझ है कोई
तो जितना जी चाहे रो लो
गुड़िया! ये ख़ामोशी मुझ को काट रही है
गुड़िया! मौत की दीमक मुझ को चाट रही है