वो मेरी आँखों पर झुक कर कहती है ''मैं हूँ''
उस का साँस मिरे होंटों को छू कर कहता है ''मैं हूँ''
सूनी दीवारों की ख़मोशी सरगोशी में कहती है ''मैं हूँ''
''हम घायल हैं'' सब कहते हैं
मैं भी कहता हूँ ''मैं हूँ''
![aaKHiri umr ki baaten](/images/pic02.jpg)
नज़्म
आख़िरी उम्र की बातें
मुनीर नियाज़ी