मैं हूँ 'मजाज़' आज भी ज़मज़मा-ए-संज-ओ-नग़्मा-ख़्वाँ 
शाइर-ए-महफ़िल-ए-वफ़ा मुतरिब-ए-बज़्म-ए-दिलबराँ 
आज भी ख़ार-ज़ार-ए-ग़म ख़ुल्द-ए-बरीं मिरे लिए 
आज भी रह-गुज़ार-ए-इश्क़ मेरे लिए है कहकशाँ 
आज भी गा रहा हूँ मैं साज़-ए-जुनूँ लिए हुए 
सोज़-ए-निहाँ से आज भी रूह-ए-तपाँ है दिल-तपाँ 
आज भी ज़िंदगी मिरी ग़र्क़-ए-शराब-ए-तुंद-ओ-तेज़ 
आज भी हाथ में मिरे जाम-ए-शराब-ए-अर्ग़वाँ 
आज भी है रची हुई आज भी है बसी हुई 
मेरे नफ़स में ख़ुल्द की नुज़हत-ओ-निकहत-ए-जवाँ 
आज भी नुक्ता-चीं हूँ मैं ख़ल्वतियान-ए-ख़ास का 
ख़ल्वतियान-ए-ख़ास का आज भी हूँ मिज़ाज-दाँ 
आज भी अश्क-ए-ख़ूँ मिरा क़श्क़ा जबीन-ए-नाज़ का 
आज भी ख़ाक-ए-दिल मिरी सुरमा-ए-चश्म-ए-गुल-रुख़ाँ 
आज भी दिल को है मिरे दौलत-ए-आगही नसीब 
आज भी है नज़र मिरी अर्ज़-ओ-समाँ की राज़-दाँ 
आज भी है जुनूँ मिरा दैर-ओ-हरम पे ख़ंदा-ज़न 
आज भी मुझ से बद-हवास दैर-ओ-हरम के पासबाँ 
आज भी साज़ से मिरे गर्मी-ए-बज़्म-ए-सर-कशी 
आज भी आतिश-ए-सुख़न शो'ला-फ़िशाँ शरर-फ़िशाँ 
आज भी है लिखी हुई सुर्ख़ हुरूफ़ में 'मजाज़' 
दफ़्तर-ए-शहर-ए-यार में मेरे जुनूँ की दास्ताँ
        नज़्म
आज भी
असरार-उल-हक़ मजाज़

