मैं आईना हूँ
और हर आने वाले को वही चेहरा दिखाता हूँ
जो मेरे सामने लाए
मगर अब थक गया हूँ
चाहता हूँ
कोई मुझ को इस तरह देखे
कि चकना-चूर हो जाऊँ
नज़्म
आईना
उबैदुल्लाह अलीम
नज़्म
उबैदुल्लाह अलीम
मैं आईना हूँ
और हर आने वाले को वही चेहरा दिखाता हूँ
जो मेरे सामने लाए
मगर अब थक गया हूँ
चाहता हूँ
कोई मुझ को इस तरह देखे
कि चकना-चूर हो जाऊँ