ऐ परिंदो किसी शाम उड़ते हुए
रास्ते में अगर वो नज़र आए तो
गीत बारिश का कोई सुनाना उसे
ऐ सितारो यूँही झिलमिलाते हुए
उस का चेहरा दरीचे में आ जाए तो
बादलों को बुला कर दिखाना उसे
ऐ हवा जब उसे नींद आने लगे
रात अपने ठिकाने पर जाने लगे
उस के चेहरे को छू कर जगाना उसे
ख़्वाब से जब वो बेदार होने लगे
फूल बालों में अपने पिरोने लगे
मेरे बारे में कुछ न बताना उसे
नज़्म
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ज़ीशान साहिल