EN اردو
इस शहर में | शाही शायरी
is shahr mein

नज़्म

इस शहर में

ज़ाहिद डार

;

ख़ूब-सूरत है ज़मीं
धूप में चमके हुए इस शहर में

ज़िंदगी दिलचस्प है
अक़्ल की बातें जहन्नम की धदकती आग हैं

उन से हम वाक़िफ़ नहीं
अम्न है और नींद है और ख़्वाब हैं

अपनी ही लज़्ज़त में गुम
जिस्म हैं

दोस्तों से दूर हंगामों में मैं खोया हुआ
पुर-सुकून

आह कितनी ख़ूब-सूरत है ज़मीन
धूप में चमके हुए इस शहर में

ज़िंदगी दिलचस्प है