मैं अक्सर सोचता हूँ
ऐसा क्यूँ होता है
औलादों को
अपने बाप माएँ याद आती हैं
तो आँखों में
फ़क़त माँ बाप के
बूढ़े सरापे ही
उभरते डूबते और झिलमिलाते हैं
मैं अक्सर सोचता हूँ
ऐसा क्यूँ होता है
ममता से भर्राई
माँ बाप की आँखों में
औलादें कभी बूढ़ी नहीं होतीं
नज़्म
ऐसा क्यूँ होता है
ज़ुबैर रिज़वी