मैं सितारों और दरख़्तों की ख़ामोशी को समझ सकता हूँ
मैं इंसानों की बातें समझने से क़ासिर हूँ
मैं इंसानों से नफ़रत नहीं करता
मैं एक औरत से मोहब्बत करता हूँ
मैं दुनिया के रास्तों पर चलने से मा'ज़ूर हूँ
मैं अकेला हूँ
मैं लोगों में शामिल होना नहीं चाहता
मैं आज़ाद रहना चाहता हूँ
मैं ख़ुश रहना चाहता हूँ
मैं मोहब्बत के बग़ैर ख़ुश नहीं रह सकता
मैं एक औरत की मोहब्बत का भूका हूँ
मैं एक औरत की मोहब्बत नहीं पा सका
मैं तन्हाई से निकलने का रास्ता नहीं पा सका
मैं दुख में मुब्तला हूँ
मैं एक औरत को समझने से क़ासिर हूँ
मैं ख़ामोशी की आवाज़ों को समझ सकता हूँ
नज़्म
नज़्म
ज़ाहिद डार