किसी दिन तुम्हें याद करते हुए मैं
चला जाऊँगा इस जहाँ के किनारे
मोहब्बत भरे आसमाँ के किनारे
परिंदे मिरे साथ जाएँगे शायद
बहुत देर तक गीत गाएँगे शायद
मगर तुम कोई गीत सुनती नहीं हो
किसी के लिए फूल चुनती नहीं हो
अँधेरे में कुछ याद करती नहीं हो
मिरे रास्ते से गुज़रती नहीं हो
तुम्हें एक दिन में सितारा बना के
समुंदर का शायद किनारा बना के
शब-ओ-रोज़ पानी पे चलता रहूँगा
सितारे की आँखों में जलता रहूँगा
नज़्म
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ज़ीशान साहिल