गुज़िश्ता रात
मैं ख़्वाबों की दुनिया से
पलट आया तो रस्ते में तुम्हारी खोज में निकली
मिरी आवाज़ रह रह कर
सुनाई दी

नज़्म
बाज़-गश्त
याक़ूब राही
नज़्म
याक़ूब राही
गुज़िश्ता रात
मैं ख़्वाबों की दुनिया से
पलट आया तो रस्ते में तुम्हारी खोज में निकली
मिरी आवाज़ रह रह कर
सुनाई दी