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ज़मीं की रंगत | शाही शायरी
zamin ki rangat

नज़्म

ज़मीं की रंगत

ताज सईद

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ये रंग तेरा
ये रंग मेरा

हसीन-तर है
हसीं रहेगा

ज़मीं की बरकत
ये गंदुमी रंग

सुनहरी ख़ुशियों की रुत की मानिंद
जवाँ रहेगा

इसे बनाना सँवारना है
तो इस की ख़िदमत करोगे आख़िर

कि ख़िदमतों से ये रंग अपना
ज़मीं की मानिंद सदा रहेगा

जवाँ रहेगा
तुझे ख़बर है