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ज़िंदगी आ तिरा अरमान बदल कर देखें | शाही शायरी
zindagi aa tera arman badal kar dekhen

ग़ज़ल

ज़िंदगी आ तिरा अरमान बदल कर देखें

रूमाना रूमी

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ज़िंदगी आ तिरा अरमान बदल कर देखें
दिल में है जो मिरे मेहमान बदल कर देखें

शम-ए-उम्मीद के मानिंद मिला है कोई
हिज्र की धूप का उन्वान बदल कर देखें

उस ने बख़्शा हमें ए'ज़ाज़ शनासाई का
क्यूँ न हम अपनी ही पहचान बदल कर देखें

मेरी आँखों में नए रंग उभर आए हैं
साईं घर का सर-ओ-सामान बदल कर देखें

अक़्ल गुल ख़ुद को है समझे हुए जो ख़ाक-नशीं
उस के दिल का ये कभी मान बदल कर देखें

दोश देते हैं हर इक बात पे हालात को जो
अपने अंदर का वो इंसान बदल कर देखें

फ़न की दुनिया में नई सुब्ह का सूरज बो कर
आओ हम अपना गुलिस्तान बदल कर देखें

हम उजाला हैं उजालों से मोहब्बत है हमें
फ़न्न-ए-तख़्लीक़ तिरी शान बदल कर देखें

ज़ेहन की झील में खिल उट्ठा मोहब्बत का कँवल
दिल में जो ग़म का है तूफ़ान बदल कर देखें

'रूमी' पूजा वो मुकम्मल नहीं होने देता
मन के अंदर है जो भगवान बदल कर देखें