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ज़र्द पत्तों पे मिरा नाम लिखा है उस ने | शाही शायरी
zard patton pe mera nam likha hai usne

ग़ज़ल

ज़र्द पत्तों पे मिरा नाम लिखा है उस ने

अशफ़ाक़ अंजुम

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ज़र्द पत्तों पे मिरा नाम लिखा है उस ने
सब्ज़ ख़्वाबों का ये अंजाम लिखा है उस ने

कोई मिलता नहीं जो पढ़ के सुना दे मुझ को
बर्ग-ए-गुल पर कोई पैग़ाम लिखा है उस ने

सच है तन्हाई में इंसान सनक जाता है
रोज़-ए-रौशन को सियह-फ़ाम लिखा है उस ने

मेहर-ओ-मह दीप हुआ अब्र समुंदर ख़ुशबू
किस की तक़दीर में आराम लिखा है उस ने

सर उछलते हैं ज़बाँ कटती है जिस में 'अंजुम'
मेरे ज़िम्मे वही इक काम लिखा है उस ने