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ये न पूछो कि वाक़िआ क्या है | शाही शायरी
ye na puchho ki waqia kya hai

ग़ज़ल

ये न पूछो कि वाक़िआ क्या है

निदा फ़ाज़ली

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ये न पूछो कि वाक़िआ क्या है
किस की नज़रों का ज़ाविया क्या है

सब हैं मसरूफ़ कौन बतलाए
आदमी का अता-पता क्या

चलता जाता है कारवान-ए-हयात
इब्तिदा क्या है इंतिहा क्या है

जो किताबों में है वो सब का है
तू बता तेरा तजरबा क्या है

कौन रुख़्सत हुआ ख़ुदाई से
हर तरफ़ ये ख़ुदा ख़ुदा क्या है