ये जो बेदार दिखाई दिया हूँ
आख़िरी बार दिखाई दिया हूँ
वहाँ मुश्किल था सुनाई देता
शुक्र है यार दिखाई दिया हूँ
आ हिरासत से छुड़ा हिज्राँ को
मैं गिरफ़्तार दिखाई दिया हूँ
पाँव बाँधे हैं वफ़ा से जब ने
तेज़-रफ़्तार दिखाई दिया हूँ
झील में चाँद गिरा था और मैं
झील के पार दिखाई दिया हूँ
मुझ पे तस्वीर लगा दी गई है
क्या मैं दीवार दिखाई दिया हूँ
जानता ख़ुद को नहीं हूँ 'अहमद'
ख़ुद को बे-कार दिखाई दिया हूँ
ग़ज़ल
ये जो बेदार दिखाई दिया हूँ
अहमद कामरान