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ये दुनिया है यहाँ दिल को लगाना किस को आता है | शाही शायरी
ye duniya hai yahan dil ko lagana kis ko aata hai

ग़ज़ल

ये दुनिया है यहाँ दिल को लगाना किस को आता है

शकील बदायुनी

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ये दुनिया है यहाँ दिल को लगाना किस को आता है
हज़ारों प्यार करते हैं निभाना किस को आता है

ये दुनिया है यहाँ दिल में समाना किस को आता है
मिटाने वाले लाखों हैं बनाना किस को आता है

निगाहें फेर लीं तुम ने तो हम किस की तरफ़ देखें
तुम्ही कह दो मोहब्बत का फ़साना किस को आता है

वफ़ा का यूँ तो दम भरते हैं इस दुनिया में सब लेकिन
वफ़ा के नाम पर मिट कर दिखाना किस को आता है