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ये अश्क चश्मों में हमदम रहे रहे न रहे | शाही शायरी
ye ashk chashmon mein hamdam rahe rahe na rahe

ग़ज़ल

ये अश्क चश्मों में हमदम रहे रहे न रहे

आसिफ़ुद्दौला

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ये अश्क चश्मों में हमदम रहे रहे न रहे
हबाब-दार कोई दम रहे रहे न रहे

तू अपने शेवा-ए-जौर-ओ-जफ़ा से मत गुज़रे
तिरी बला से मिरा दम रहे रहे न रहे

फबा है रुख़ पे तिरे ख़ुश-नुमा सनम लेकिन
हमेशा गुल पे ये शबनम रहे रहे न रहे