ये अदा आप में सरकार कहाँ थी पहले
ये नज़र आप की तलवार कहाँ थी पहले
हश्र-सामाँ तिरी रफ़्तार कहाँ थी पहले
तेरी पायल में ये झंकार कहाँ थी पहले
ख़ल्क़ यूसुफ़ की ख़रीदार कहाँ थी पहले
मिस्र में गर्मी-ए-बाज़ार कहाँ थी पहले
ये तो जल्वों का तसर्रुफ़ है तुम्हारे वर्ना
अंजुमन मतला-ए-अनवार कहाँ थी पहले
फ़ैज़ है मस्त-निगाही का तिरी ऐ साक़ी
ज़िंदगी वर्ना ये सरशार कहाँ थी
ग़ज़ल
ये अदा आप में सरकार कहाँ थी पहले
बुध प्रकाश गुप्ता जौहर देवबंद