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वो ख़याल-ए-मुहाल किस का था | शाही शायरी
wo KHayal-e-muhaal kis ka tha

ग़ज़ल

वो ख़याल-ए-मुहाल किस का था

जौन एलिया

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वो ख़याल-ए-मुहाल किस का था
आइना बे-मिसाल किस का था

सफ़री अपने आप से था मैं
हिज्र किस का विसाल किस का था

मैं तो ख़ुद में कहीं न था मौजूद
मेरे लब पर सवाल किस का था

थी मिरी ज़ात इक ख़याल-आशोब
जाने मैं हम-ख़याल किस का था

जब कि मैं हर-नफ़स था बे-अहवाल
वो जो था मेरा हाल किस का था

दोपहर बाद-ए-तुंद कूचा-ए-यार
वो ग़ुबार-ए-मलाल किस का था