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वस्फ़ जो आप से जुड़ा होगा | शाही शायरी
wasf jo aap se juDa hoga

ग़ज़ल

वस्फ़ जो आप से जुड़ा होगा

फ़ैसल सईद ज़िरग़ाम

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वस्फ़ जो आप से जुड़ा होगा
हू-ब-हू हुक्म-ए-किब्रिया होगा

आ कि दिखलाऊँ रक़्स पानी का
इक भँवर अब भी नाचता होगा

कर्गस-ए-इश्क़ नोचता है बदन
हुस्न पामाल हो गया होगा

दर्द ने दिल की परवरिश की है
दर्द ही शेर से अदा होगा

हाजत-ए-फ़स्ल-ए-गुल नहीं 'फ़ैसल'
दिल ये ख़ुद-रौ कि फिर उगा होगा