वैसे ही ख़याल आ गया है
या दिल में मलाल आ गया है
आँसू जो रुका वो किश्त-ए-जाँ में
बारिश की मिसाल आ गया है
ग़म को न ज़ियाँ कहो कि दिल में
इक साहिब-ए-हाल आ गया है
जुगनू ही सही फ़सील-ए-शब में
आईना-ख़िसाल आ गया है
आ देख कि मेरे आँसुओं में
ये किस का जमाल आ गया है
मुद्दत हुई कुछ न देखने का
आँखों को कमाल आ गया है
मैं कितने हिसार तोड़ आई
जीना था मुहाल आ गया है
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ग़ज़ल
वैसे ही ख़याल आ गया है
अदा जाफ़री