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उस से कह दो कि वो जफ़ा न करे | शाही शायरी
us se kah do ki wo jafa na kare

ग़ज़ल

उस से कह दो कि वो जफ़ा न करे

मुज़्तर ख़ैराबादी

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उस से कह दो कि वो जफ़ा न करे
कहीं मुझ सा उसे ख़ुदा न करे

आइना देख कर ग़ुरूर फ़ुज़ूल
बात वो कर जो दूसरा न करे

मैं मसीहा उसे समझता हूँ
जो मिरे दर्द की दवा न करे

'मुज़्तर' उस ने सवाल-ए-उल्फ़त पर
किस अदा से कहा ख़ुदा न करे