उस से कह दो कि वो जफ़ा न करे
कहीं मुझ सा उसे ख़ुदा न करे
आइना देख कर ग़ुरूर फ़ुज़ूल
बात वो कर जो दूसरा न करे
मैं मसीहा उसे समझता हूँ
जो मिरे दर्द की दवा न करे
'मुज़्तर' उस ने सवाल-ए-उल्फ़त पर
किस अदा से कहा ख़ुदा न करे
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ग़ज़ल
उस से कह दो कि वो जफ़ा न करे
मुज़्तर ख़ैराबादी