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उस ने रुख़ से हटा के बालों को | शाही शायरी
usne ruKH se haTa ke baalon ko

ग़ज़ल

उस ने रुख़ से हटा के बालों को

सय्यद शफ़क़ शाह चिश्ती

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उस ने रुख़ से हटा के बालों को
रास्ता दे दिया उजालों को

moving her tresses from her face
for the rays of light she made place

जाते जाते जो मुड़ के देख लिया
और उलझा दिया ख़यालों को

turning back she looked while going away
and sent my thoughts into a deeper fray

एक हल्की सी मुस्कुराहट से
उस ने हल कर दिया सवालों को

when a slight smile on her lips did play
all my questions were answered today

मर गए हम तो देख लेना तुम
याद आएँगे हुस्न वालों को

If I die, then, 'Shafaq' you will see
All the beauties will remember me