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उस को मेरा मलाल है अब भी | शाही शायरी
usko mera malal hai ab bhi

ग़ज़ल

उस को मेरा मलाल है अब भी

सोनरूपा विशाल

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उस को मेरा मलाल है अब भी
चलिए कुछ तो ख़याल है अब भी

रोज़ यादों की तह बनाता है
उस का जीना मुहाल है अब भी

तुम ने उत्तर बदल दिए हर बार
मेरा वो ही सवाल है अब भी

जिस ने दुश्मन समझ लिया है हमें
उस से मिलना विसाल है अब भी

दफ़्न हो कर भी साँस बाक़ी है
कोई रिश्ता बहाल है अब भी