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उस के आने की ख़बर चुपके से लाती है हवा | शाही शायरी
uske aane ki KHabar chupke se lati hai hawa

ग़ज़ल

उस के आने की ख़बर चुपके से लाती है हवा

मीना नक़वी

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उस के आने की ख़बर चुपके से लाती है हवा
रात में सुब्ह की मानिंद जगाती है हवा

नग़्मगी साज़ में साँसों के उतर जाती है
दिल के सहराओं में जब झूमती-गाती है हवा

अब्र कुछ देर बरस के जो चला जाता है
देर तक पेड़ की शाख़ों को रुलाती है हवा

जब से इक फूल से चेहरे ने नज़र फेरी है
ऐसा लगता है कि इस शहर से जाती है हवा

रेत पर यूँ हैं बगूलों की क़तारें 'मीना'
आज भी नक़्श-ए-क़दम उस के मिटाती है हवा