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उर्वशी आसमाँ से आ जाए | शाही शायरी
urwashi aasman se aa jae

ग़ज़ल

उर्वशी आसमाँ से आ जाए

दीद राही

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उर्वशी आसमाँ से आ जाए
कोई अर्जुन सा रूप दिखलाए

कोई बस जाए जो तसव्वुर में
मौत भी ज़िंदगी से शरमाए

चाँद बिखरा रहा है किरनों को
कौन आता है सर को निहुड़ाए

बादलों के सजीले डोले पर
कोई दुल्हन पिया के घर जाए

कोई फिर दिल में चुटकियाँ ले ले
कोई फिर मन को आ के बहलाए