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उन से मिलना किसी बहाने से | शाही शायरी
un se milna kisi bahane se

ग़ज़ल

उन से मिलना किसी बहाने से

रौनक़ टोंकवी

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उन से मिलना किसी बहाने से
वर्ना मतलब शराब-ख़ाने से

नींद आ जाएगी सुना तो सही
हाल-ए-दिल कम नहीं फ़साने से

ज़ब्त-ए-ग़म से टपक पड़े आँसू
इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से

आतिश-ए-इश्क़ भी ग़ज़ब है कोई
भड़क उठती है कुछ बुझाने से

ज़ुल्म क्या क्या सहे मगर 'रौनक़'
तुम न बाज़ आए दिल लगाने से