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उम्र-भर उस की निशानी देखिए | शाही शायरी
umr-bhar uski nishani dekhiye

ग़ज़ल

उम्र-भर उस की निशानी देखिए

विनीत आश्ना

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उम्र-भर उस की निशानी देखिए
इश्क़ कर यूँ जावेदानी देखिए

याद कीजे वो परी-चेहरा सदा
और हर सू रात-रानी देखिए

हिज्र के मौसम में भी गुलज़ार हूँ
ये ग़ज़ब की बाग़बानी देखिए

धड़कनें तस्बीह उस के नाम की
दिल पे उस की हुक्मरानी देखिए

दर्द मेहमाँ है मगर जाता नहीं
आप मेरी मेज़बानी देखिए

आप हैं जो इश्क़ के अहल-ए-ज़बाँ
मेरी भी कर तर्जुमानी देखिए

बेबसी बेचैनियाँ बेताबियाँ
'आशना' के सब मआ'नी देखे