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उम्मीद-वार-ए-लुत्फ़ नहीं हैं किसी से हम | शाही शायरी
ummid-war-e-lutf nahin hain kisi se hum

ग़ज़ल

उम्मीद-वार-ए-लुत्फ़ नहीं हैं किसी से हम

नरेश कुमार दर्द

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उम्मीद-वार-ए-लुत्फ़ नहीं हैं किसी से हम
मायूस इस लिए भी नहीं ज़िंदगी से हम

उन की जफ़ाएँ सह न सके ख़ुश-दिली से हम
क्या सुल्ह कर सकेंगे ग़म-ए-ज़िंदगी से हम

हैं मस्त और बे-ख़ुद-ओ-सरशार आज तक
इक रोज़ क्या मिले थे किसी अजनबी से हम

वो अब हमारे पहलू में बैठे हुए हैं 'दर्द'
डर ये है मर न जाएँ कहीं इस ख़ुशी से हम