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तुम्हें जीने में आसानी बहुत है | शाही शायरी
tumhein jine mein aasani bahut hai

ग़ज़ल

तुम्हें जीने में आसानी बहुत है

कुमार विश्वास

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तुम्हें जीने में आसानी बहुत है
तुम्हारे ख़ून में पानी बहुत है

कबूतर इश्क़ का उतरे तो कैसे
तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है

इरादा कर लिया गर ख़ुद-कुशी का
तो ख़ुद की आँख का पानी बहुत है

ज़हर सूली ने गाली गोलियों ने
हमारी ज़ात पहचानी बहुत है

तुम्हारे दिल की मन-मानी मिरी जाँ
हमारे दिल ने भी मानी बहुत है