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तुम वक़्त पे कर जाते हो पैमान फ़रामोश | शाही शायरी
tum waqt pe kar jate ho paiman faramosh

ग़ज़ल

तुम वक़्त पे कर जाते हो पैमान फ़रामोश

मुबारक अज़ीमाबादी

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तुम वक़्त पे कर जाते हो पैमान फ़रामोश
ये भूल नहीं होती मिरी जान फ़रामोश

मेहराब-ब-इबादत ख़म-ए-अबरू है बुतों का
कर बैठे हैं काबे को मुसलमान फ़रामोश

आबाद रहे शाद रहे याद तुम्हारी
मुझ से नहीं होने की किसी आन फ़रामोश

कब भूलते हैं पाँव मिरे दश्त-नवर्दी
करते हैं कहाँ हाथ गिरेबान फ़रामोश