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तिरी यादों से दिल फ़रोज़ाँ करेंगे | शाही शायरी
teri yaadon se dil farozan karenge

ग़ज़ल

तिरी यादों से दिल फ़रोज़ाँ करेंगे

शकील बदायुनी

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तिरी यादों से दिल फ़रोज़ाँ करेंगे
फिर इस ग़म-कदे में चराग़ाँ करेंगे

ज़रा हज़रत-ए-दिल की जुरअत तो देखो
ये नज़्ज़ारा-ए-हुस्न-ए-जानाँ करेंगे

ज़माना जो आतिश-फ़िशाँ है तो क्या ग़म
हम आतिश-कदे को गुलिस्ताँ करेंगे

चले तो ज़रा दौर-ए-जाम-ए-मोहब्बत
फ़रिश्ते भी तक़लीद-ए-इंसाँ करेंगे

सलामत-रवी जुर्म समझेगी दुनिया
किसी से अगर ज़िक्र-ए-तूफ़ाँ करेंगे

जो आसानियों को भी मुश्किल बना दें
वो क्या मेरी मुश्किल को आसाँ करेंगे